उसने जो मेरी क्लास फेलो थी चुलबुली सी नटखट सी लड़की थी आ रहें थें शरीर पर अंतरिक उभार जिन्हें शब्दों में कहने में में रहूंगा शर्मशार अल्हड़ थी नटखट थी उफनती जवानी थी में भी तों खोज रहा था किसी से प्यार मोबाइल कि दुनिया नहीं थी चलता था पत्राचार गर्जती कड़कती वारिस में टूटे फ़ूटे घरो में वह भींगती हुईं आ गई थी गिला शिकवा माफ करके मिल कर सपने में रचा रहे थें प्यार नयी उमंग नयी जवानी दो देह ऐक मन से कर रहे थें प्यार लेकिन उस खंडहर कि दीवारों हमारी गर्म सांसें पसंद नहीं थी तभी तो गांव में हो गया था हाहाकार फिर क्या उसकी शादी तय की थी बारात आई थी दुल्हन बनकर ससुराल कड़कती ठंड में पहुंच गई थी सुहागरात रात में वह पति को नहीं कर पाईं थी सविका अब तो पता नहीं कहां है वो और मैं जीवन जी रहे हैं अवसाद काश जैसे हीर रांझा के प्रेम को उस समय समझा होता तब शायद हम आप नहीं जान पाते छोटी सी पंक्...
टेलिविज़न ने बंद कर दिया था फिर से चल लीना आप डिनर कर के लेटिए जैसे ही आप दूसरे स्कूल में जाते हैं वह भी अंग्रेजी स्कूल से स्कूल बस में माँ पर पापा से भी खाना बोलिये माँ से बात भी पूरी नहीं हुई थी वो वक्त पापा की नींद से जागकर मैंने पहले ही कहा था कि मेरा मालिक अच्छा आदमी देवता जैसा है ठीक है आपका स्वामी और आप उसके उपासक हैं और मैं उसकी रखैल हूं...मां के ऐसे जवाब के बाद भी पापा शांत थे, पैर में हाथ-मुंह धोए थे, हम पहली बार कुर्सी टेबल पर खाना खा रहे थे मेरे दिमाग को रखैल शब्द का मतलब समझ में नहीं आ रहा था मैं मां से पूछ रही थी कि खाना खा रहे थे आप समझ नहीं पाएंगे कि मेरी बच्ची उनकी आंखों से अश्रु धारा बह रही थी अपने पापा से पूछ कर देख रही थी पापा तो खाने में मशलुग थे उन्हें शायद जबाब देना नहीं था मतलब कुछ देर बाद उनहोंने डकार ली थी, जो वातावरण में शराब की गंध समा गई थी, फिर हाथ में मुंह धोकर उनहोंने कहा था लीना को अलग सोना चाहिए अब तो हमारे पास के तीन बैडरूम का अपार्टमेंट है प्राइवेसी का ध्यान रखना चाहिए देख बेटा तेरे पापा ठीक कह रहे...