उसने जो मेरी क्लास फेलो थी चुलबुली सी नटखट सी लड़की थी आ रहें थें शरीर पर अंतरिक उभार जिन्हें शब्दों में कहने में में रहूंगा शर्मशार अल्हड़ थी नटखट थी उफनती जवानी थी में भी तों खोज रहा था किसी से प्यार मोबाइल कि दुनिया नहीं थी चलता था पत्राचार गर्जती कड़कती वारिस में टूटे फ़ूटे घरो में वह भींगती हुईं आ गई थी गिला शिकवा माफ करके मिल कर सपने में रचा रहे थें प्यार नयी उमंग नयी जवानी दो देह ऐक मन से कर रहे थें प्यार लेकिन उस खंडहर कि दीवारों हमारी गर्म सांसें पसंद नहीं थी तभी तो गांव में हो गया था हाहाकार फिर क्या उसकी शादी तय की थी बारात आई थी दुल्हन बनकर ससुराल कड़कती ठंड में पहुंच गई थी सुहागरात रात में वह पति को नहीं कर पाईं थी सविका अब तो पता नहीं कहां है वो और मैं जीवन जी रहे हैं अवसाद काश जैसे हीर रांझा के प्रेम को उस समय समझा होता तब शायद हम आप नहीं जान पाते छोटी सी पंक्...
यूँ तो देहली में महीने में कोहरा छाना आम बात थी लेकिन इस बार कुछ जयादा ही थी कोहरे ने दिल्ली हरियाणा पंजाब और भी शहरों को अपने सफेद चाँद के आगोश में ले लिया था, मैंने ऊपर से अदृश्य लहरों के बीच में ले लिया था, ऐसे मौसम में सारा शहर थाम सा गया था बुजुर्ग लोग तो खाली हाथ ठंड का लुफ्त उठा रहे थे और युवा राजा ने डूबे हुए इंटरनेट दुनिया में मोबाइल पर खोए थे और इस सीज़न में मैं शादियाँ हुई थी वह तो दिन में था. ही रोमांस मैं खोए हुए थे ऐसे ही एक अनोखी रात में मिसेज लीनाडाट पर करवटे बदली हुई थी, शायद कुछ सोची हुई थी शायद वह पुरूस सैमसंग के लिए थी, उस समय उनहोंने कॉल बॉय वाली वेबसाइट कर कुछ छात्रों की पर्सनैलिटी परशेड हुए थे, उनकी प्रोफाइल के साथ अलग-अलग न्यूयॉर्क में एक को देखा गया था एक को सिलेक्टेड कर के साथ, स्टूडेंटबास की तस्वीर निकली थी उनहोंने राम का पैग था। कर विस्ट गुट के साथ सिगरेट के कास खींची गई थी करीब एक घंटे बाद बाहर सफेद कार में खड़ा हुआ हूं वेबसाइट पर विज्ञापन जारी किया गया था खैर एगटंक का उनहोने मस्का के साथ स्वागत किया गया था क्या लोगे राम या... जी रम बोतलों में बोतलें लागे थ...