वह गांव में था
भोला भोला था नादान
लेकिन पोस्ट ने लिखा था
नौकरी की तलाश में
डिकले कांक्रीट में दिखाया गया था
के जंगल में
जो कहते हैं शहर
जहां इंसान के भेष में
कुछ घूमता है
आधुनिक शैली में
भटकती आत्माएँ
नज़रों को समझने में
नहीं पता कि ये नारी हैं
या फिर पुरुष
ख़ैर वह डकैत कांकृत की
सड़क पर भटक
कर स्टैंड था डोभाल लाल
बत्ती पर
कुछ सहमा सा
कुछ आशावान
बना खोज रही थी
दृश्यें
आसरा और रोजगार
वह देख रहा था चमचमाती हुई
कारों को
जो अधिकतर था
बातानकूल
उनके अंदर कुछ प्रेत आत्माएँ हैं
अन्य थी स्त्री व पुरुष
:
दृश्य में थे
काले काले बैग
नंगी आँखों से देख रहे थे
अपने देह और धन की प्यास
खैर वह आखिरीरा भोला भाला
राममारा माया की
खोज में
था दुःख
तुल्यकालिक एक लम्बी सी
कार का सीसा नीचे हुआ था
जो घर में था
सी महोरातमा
बूढ़े पर लटके हुए थे खुले हुए बाल
और कपड़े बहुत ही छोटे-छोटे से थे
मिस्टर ऐकसकुजमी आय
स्वागत हैं
उदाहरण में आगे कर द प्रोटोटाइप
आपको ड्रॉप
वह था नादान
भोला भाला सा था भोला भाला
कार में सवार था
कुछ ही देर में उसने पूछा
वे सारे हाल चाल
फिर क्या क्रमांकित थें विपक्ष प्रस्ताव
घर का आसरा रोजगार
दोनों मिल गए थे आसान
मोहतरमा की कंपनी में वह दिन में साधारण से
पद पर था रेलवे
लेकिन रात में लिव इन नागपुर था
50-50 का था मेघालय नागपुर
एक बच्चा था पति का
दूसरा था मासूम सा
भोला भाला सा जो मिला था
रोजगार
पति देव को भी था अलौकिक
की पत्नी का हैं
लाइव इन महानगर
और पत्नी को भी था पता
हैं पहले से उसके सौतन
रह रहे हैं हँसी ख़ुशी से
क्यों कि डबल क्लिक करें सरकार..
मित्र चंद पंक्तियाँ के साथ सादर प्रणाम आपको
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